• डीएसआईआईडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिल्ली के 18 औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास प्लान की विस्तृत समीक्षा बैठक
• सड़कों की मजबूती, नई सड़क से पहले डक्ट बिछाने और स्वच्छता सुधार की व्यापक रणनीति की दिशा में महत्त्वपूर्ण पहल
• दिल्ली सरकार की 365 दिन प्रदूषण नियंत्रण रणनीति के तहत डस्ट कंट्रोल और रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने पर फोकस
• माननीय मंत्री ने बायोमास और कचरे के खुले में जलाने के खिलाफ जागरूकता अभियान को तेज करने, नियमित पानी के छिड़काव और ऊँची इमारतों पर स्मॉग गन लगाने के निर्देश दिए
• “माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हमारी सरकार वर्षों की समस्याओं के स्थायी समाधान की दिशा में काम कर रही है। हर नई सड़क के साथ डक्ट सही तरीके से बिछाये जाएंगे ताकि एक बार बन चुकी रोड की बार-बार खुदाई ना करनी पड़े।” माननीय मंत्री श्री मनजिंदर सिंह सिरसा
दिल्ली सरकार के पर्यावरण और उद्योग मंत्री माननीय श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आज डीएसआईआईडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में चल रहे रखरखाव और सड़कों के पुनर्विकास कार्यों की समीक्षा की।
यह बैठक माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता के दिशा निर्देश में आयोजित की गई, जिसमें दिल्ली के 18 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों के पुनर्विकास, नालियों, डक्ट और स्वच्छता ढांचे को मजबूत करने की विस्तृत योजना पर चर्चा हुई।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने माननीय मंत्री को बताया कि 18 औद्योगिक क्षेत्रों को सड़कों की स्थिति और तात्कालिक आवश्यकता के आधार पर तीन श्रेणियों—संतोषजनक, मध्यम और खराब—में बाँटा गया है ताकि चरणबद्ध तरीके से रोड निर्माण और रिपेयर का काम किया जा सके।
बैठक के दौरान पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र, ओखला औद्योगिक एस्टेट फेज़-III, वज़ीरपुर, नारायणा, मयापुरी फेज़-I एवं II, मंगोलपुरी, कीर्ति नगर, बदली, जीटी कर्णाल रोड, डीएलएफ मोती नगर, झिलमिल, राजस्थानी उद्योग नगर, लॉरेंस रोड सहित अन्य प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों के कार्यों की समीक्षा की गई।
बैठक के बाद माननीय मंत्री श्री सिरसा ने कहा,
“माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हमारी सरकार ऐसे स्थायी समाधान ला रही है जो केवल मेंटेनेंस तक सीमित नहीं हैं। दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास इस तरह से किया जा रहा है कि बुनियादी ढांचा बेहतर हो और धूल प्रदूषण में भी स्थायी रूप से कमी आए। यह काम विज्ञान आधारित और व्यावहारिक तरीके से किया जा रहा है।”
माननीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी नई सड़कों के निर्माण से पहले पावर केबल, टेलीकॉम लाइन और पानी की पाइपलाइन जैसी सेवाओं के लिए डक्ट बिछाए जाएं ताकि आगे खुदाई की ज़रूरत न पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि हर कार्य की निगरानी सख्ती से की जाए ताकि समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा हो सके।
अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में गड्ढों की मरम्मत का एक व्यापक अभियान विंटर एक्शन प्लान के तहत जारी है। यह कार्य एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और डीएसआईआईडीसी के संयुक्त प्रयास से किया जा रहा है ताकि सड़कें समतल रहें और धूल कम उड़े।
“दिल्ली की सड़कें गड्ढामुक्त रहें और खुले भू-भागों पर धूल का फैलाव रोका जाए इस दिशा में सभी एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। इससे वायु गुणवत्ता में सुधार आएगा साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में कामगारों और परिवहन नेटवर्क के लिए भी सुरक्षा और सुविधा बढ़ेगी,” माननीय मंत्री ने कहा।
बैठक में यह भी बताया गया कि औद्योगिक क्षेत्रों में स्वच्छता और रखरखाव के लिए एक विशेष सलाहकार नियुक्त करने की प्रक्रिया जारी है। इससे कचरा प्रबंधन, नालियों की सफाई और पर्यावरणीय देखरेख जैसे कार्य अधिक पेशेवर तरीके से हो पाएंगे।
पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में अपने सुझाव और समस्याएं रखीं। मंत्री ने सभी मुद्दों को ध्यानपूर्वक सुना और तुरंत आवश्यक निर्देश दिए ताकि सुधार कार्यों में तेजी लाई जा सके।
माननीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बायोमास और कचरे के खुले में जलाने को रोकने के लिए जागरूकता अभियान को और मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्य स्थानीय स्तर पर प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं और इन्हें रोकना सर्दियों में बेहद ज़रूरी है।
श्री सिरसा ने डीएसआईआईडीसी और संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि मैकेनिकल रोड स्वीपिंग, नियमित पानी का छिड़काव और ऊँची इमारतों पर स्मॉग गन की स्थापना सुनिश्चित की जाए ताकि धूल के उत्सर्जन पर नियंत्रण रखा जा सके।
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