10,000 साल बाद फूटा हैउली गब्बी ज्वालामुखी, भारत तक पहुंची राख — इंटरनेशनल फ्लाइट्स में हड़कंप
एथियोपिया के अफ़ार रिफ्ट में स्थित हैउली गब्बी ज्वालामुखी लगभग 10,000 साल बाद सक्रिय हुआ और रविवार को इसके विस्फोट से करीब 45,000 फीट ऊंचाई तक भारी मात्रा में राख का गुब्बार फैल गया। तेज़ जेट स्ट्रीम के जरिए यह राख अब भारत के हवाई क्षेत्र की ओर बढ़ रही है, जिससे इंटरनेशनल एयर ट्रैफिक में बड़ा असर दिख रहा है।
DGCA अलर्ट पर, एयरलाइंस ने उड़ानें की रद्द/डायवर्ट
राख के खतरे को देखते हुए वेस्ट एशिया के लिए कई उड़ानें रद्द की गईं और कई फ्लाइट्स को डायवर्ट करना पड़ा।
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अकासा एयर ने जेद्दाह, कुवैत और अबू धाबी की उड़ानें तुरंत प्रभाव से रद्द कर दीं और यात्रियों को 7 दिनों के भीतर रिफंड या मुफ्त री-बुकिंग का विकल्प दिया है।
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इंडिगो ने भी कहा कि उनकी टीमें इंटरनेशनल एविएशन एक्सपर्ट्स के साथ लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं।
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DGCA ने सभी भारतीय एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि वे अपने रूट्स और फ्लाइट लेवल बदलें, ईंधन योजना में बदलाव करें और राख वाले क्षेत्रों से 100% बचें।
क्यों खतरनाक है ज्वालामुखीय राख?
विशेषज्ञों के अनुसार, ज्वालामुखीय राख:
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इंजन को ब्लॉक कर सकती है
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एयरफ्रेम को नुकसान पहुंचाती है
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विज़िबिलिटी घटाती है
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इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को प्रभावित कर सकती है
इंडिगो की कान्नूर–अबू धाबी फ्लाइट को राख के कारण अहमदाबाद डायवर्ट करना पड़ा।
DGCA ने इंजन और एयरक्राफ्ट निरीक्षण को अनिवार्य कर दिया है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ने ASHTAM जारी कर दिया है, जो राख के स्थान, ऊंचाई और गति की आधिकारिक चेतावनी होती है।
एविएशन सिस्टम की संवेदनशीलता हुई उजागर
इस घटना ने दोबारा साबित किया कि वैश्विक एविएशन सिस्टम पर्यावरणीय गतिविधियों के प्रति कितनी संवेदनशील है।
रूट बदलना, ईंधन प्लान अपडेट करना और सिक्योरिटी प्रोटोकॉल फॉलो करना — यह सब एयरलाइंस के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है।
भविष्य में ऐसे प्राकृतिक हादसे अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात पर और भी बड़े असर की चेतावनी देते हैं। यही कारण है कि सतत मॉनिटरिंग, इमरजेंसी रिस्पॉन्स और रिस्क मैनेजमेंट की ज़रूरत लगातार बढ़ती जा रही है।
क्या भारत की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पड़ेगा लंबा असर? (POLL)
आपकी राय में राख का असर कितना लंबा चलेगा?
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A. बहुत अधिक प्रभाव पड़ेगा
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B. कुछ हद तक प्रभाव पड़ेगा
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C. कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा
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D. अभी कहना मुश्किल है
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