लखनऊ निवासी प्रताप चंद्रा नें आज सर्वोच्च न्यायालय में सूरत लोकसभा का चुनाव तत्काल कराने की याचिका दायर किया (संलग्न)| दायर याचिका पत्र में लिखा लोकतंत्र का पहला सोपान चुनाव होता है और प्रक्रिया पारदर्शी होने के साथ साथ पारदर्शी प्रतीत होना भी अति आवश्यक होता है | वोटिंग एक जनमत का साधन है जिसका पूर्ण सम्मान होना ही चाहिए |
आम लोकसभा चुनाव 2024 में सूरत लोकसभा सीट पर प्रत्याशी श्री मुकेश दलाल के अलावा अन्य प्रत्याशियों द्वारा अपना नामांकन वापस लेने और एक प्रत्याशी श्री निलेश कुंभानी का नामांकन उनके प्रस्तावक की मौजूदगी न होने की वजह बताकर चुनाव रिटर्नीग आफिसर द्वारा रद्द कर दिया गया और श्री मुकेश दलाल को बिना चुनाव कराए ही विजयी घोषित कर दिया जबकि “NOTA” मौजूद रहा, भले ही सभी अन्य प्रत्याशियों का बटन EVM पे न हो परंतु “NOTA” का बटन लगता ही, वोटिंग एक जनमत का साधन है जिससे जनता का मत जाहीर होता है चाहे किसी को चुनने हेतु या फिर किसी को खारिज (None of the Above) NOTA करने हेतु |
विदित और संज्ञान हो, किसी को भी प्रतिनिधि थोपा नहीं जा सकता बिना चुनाव कराए |
उक्त प्रकरण में न सिर्फ संवैधानिक व्यवस्था को दरकिनार कर दिया गया, बल्कि जो वोटर (None of the Above) NOTA को वोट देना चाहते होंगे उन तमाम वोटरों के वोट देने का अवसर छीनकर संवैधानिक अधिकार से वंचित किया गया और नया राजनीतिक भ्रष्टाचार का मार्ग प्रशस्त किया गया, अब वोटरों को लुभाने के बजाए और आसानी से कुछ लोगों को लुभाकर निर्विरोध जीतने की परंपरा की शुरुआत होगा जो लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक होगा |
प्रार्थना : सूरत लोकसभा सीट पर तत्काल NOTA बटन के साथ चुनाव कराया जाए जिससे राजनीतिक भ्रष्टाचार को रोका जा सके और वोटरों को वोट देने का अवसर मिल सके |
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