आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन
बैंकिंग क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर समय-समय पर ग्राहकों को नई सुविधाएं दी जाती हैं। मौजूदा समय में डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के जरिए लोग जब चाहे कैश निकासी कर सकते हैं और शॉपिंग कर सकते हैं। डेबिट क्रेडिट कार्ड होने पर ग्राहकों को कैश रखने की जरूरत नहीं होती। शुरुआत में जो डेबिट और क्रेडिट कार्ड आते थे उसपर सिर्फ काले रंग की पट्टी होती थी जो आज भी है लेकिन वक्त के साथ कार्ड में सिक्योरिटी को मजबूत करने के लिए नए-नए फीचर जोड़े गए।
इसके बाद कार्ड्स में सिम कार्ड जैसी दिखने वाली एक चिप लगाई गई और फिर वाई-फाई के निशान वाले कार्ड ग्राहकों को दिए जाने लगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कार्ड में ये वाई-फाई जैसा निशान आखिरकार क्यों होता है? दरअसल ऐसे कार्ड की बहुत खुबियां हैं लगभग हर बैंक अपने ग्राहकों को ऐसे कार्ड जारी कर रहा है। वाईफाई जैसे निशान वाले कार्ड का मतलब है कि आपके कार्ड में ‘कॉन्टैक्टलेंस फीचर’ दिया गया है।
कॉन्टैक्टलेंस फीचर का फायदा यह है कि कार्ड को स्वाइप किए बिना पेमेंट किया जा सकता है। यानी को कार्डधारक को पिन दर्ज करने की जरूरत ही नहीं होती। इन कार्ड्स में ‘नियर फील्ड कम्युनिकेशन’ (एनएफसी) चिप लगी होती है जो कि प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) डिवाइस को छुए बिना ही कुछ ही दूरी से डेटा ट्रांसफर कर देती है। एनएफसी एंटीना ही कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन में काम आता है।
चिप का इस्तेमाल पीओएस मशीन से स्वाइप करने और एटीएम से कैश निकालने में होता है। ऐसे कार्ड से स्वाइप के जरिए पेमेंट करने के बजाए अगर आप कॉन्टैक्टलेंस फीचर से पेमेंट करेंगे तो यह काफी तेजी से होता है और आपका समय बचता है। हालांकि 20 हजार से नीचे की पेमेंट में ही इस फीचर का इस्तेमाल हो सकता है।
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